Shikshalaw
नई शिक्षा नीति New education policy
डिग्री, डिप्लोमा के साथ विद्यार्थी कर सकेंगे शॉर्ट टर्म कोर्स…UGC ने जारी की नई गाइडलाइन
युनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से उच्च शिक्षण संस्थानों में शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने को लेकर एक गाइडलाइन जारी की है। यह सर्टिफिकेट कोर्स 12 क्रेडिट से 30 क्रेडिट तक के होंगे। नई गाइडलाइन के अनुसार ये शॉर्ट टर्म कोर्स यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ने वाले हर एक स्ट्रीम के स्टूडेंट कर सकेंगे। नए सत्र में छात्रों को ये सुविधा मिल सकती है। ये कोर्स तीन से छह महीने के होंगे।
गाइडलाइन के अनुसार शॉर्ट टर्म कोर्स करने के लिए हर वह स्टूडेंट एलिजिबल होगा जिसने यूनिवर्सिटी या कॉलेज में डिग्री, डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया होगा। नई गाइडलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार तैयार की गई है। ऐसे स्टूडेंट्स जिन्हें किसी वजह से स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी है, वे भी इस कोर्स की मदद से अपनी स्किल पर काम कर सकते हैं। यूजीसी की नई गाइडलाइन में 27 टॉपिक पर शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी गई है। इसमें रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन, डिजिटल मार्केटिंग, योगिक साइंस, सॉफ्ट स्किल एंड इफेक्टिव कम्युनिकेशन, क्रिटिकल थिंकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसे टॉपिक शामिल हैं। स्किल कंपोनेंट में प्रैक्टिकल लैब, वर्कशॉप और इंडस्ट्री में काम करने वाली हैंड्स ऑन ट्रेनिंग जैसी चीजें शामिल हैं। साथ ही यह भी कि हर तीन साल में वाइस चांसलर या प्रिंसिपल की तरफ से बनाई गई एक एक्सटर्नल कमेटी इन सेंटरों की जांच करेगी।
इंस्टीट्यूट अपनी वेबसाइट पर देंगे कोर्स की जानकारी
यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान खुद सेंटर बना सकते हैं या फिर इंडस्ट्री की मदद से इस पर काम कर सकते हैं। यह भी कहा गया है कि इंस्टीट्यूट्स को अपनी वेबसाइट पर कोर्स के डिजाइन, करिकुलम, सीटों की संख्या और एडमिशन, कोर्स और फीस की जानकारी, हर एक कोर्स के लिए जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी।
मुख्य शिक्षा मंत्री ने आखिरकार नई शिक्षा नीति 2023 की घोषणा की है, जो भारतीय शैक्षणिक प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तनों का अनुमान लगाती है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता को बढ़ाना, नवाचारिक विचारों को प्रोत्साहित करना और छात्रों के समाजिक-मानसिक विकास को समर्थन देना है। नीति में शामिल विशेषताएं शामिल हैं, जैसे कि शिक्षा का एकीकरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभिवृत्ति, और विशिष्टता को बढ़ाने के लिए नए पाठ्यक्रम और शैक्षणिक मानकों की व्यापक पुनरावलोकन। इसके अलावा, शिक्षकों की प्रशिक्षण में और भी महत्वपूर्ण सुधार करने का प्रस्ताव है, जिससे उनकी उत्कृष्टता और योग्यता में सुधार हो सके। यह नई नीति छात्रों के भविष्य के लिए एक दिशा-निर्देश प्रदान करती है, जिससे वे ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें और समाज में उपयुक्त नागरिक बनने की क्षमता प्राप्त कर सकें। नई शिक्षा नीति 2023 में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन और उनकी योजनाएं शामिल हैं, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली को मोड़ने और सुधारने का प्रयास करती हैं। इसमें कुछ मुख्य नए पहलुओं की बात की गई है: शिक्षा का एकीकरण: नीति में शिक्षा को एक समग्र प्रक्रिया में एकीकृत करने की प्रस्तावना है, जिसमें शिक्षा के विभिन्न स्तरों को संवर्धित करने का प्रयास किया गया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभिवृत्ति, और विशिष्टता: नई नीति विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभिवृत्ति, और विशिष्टता को बढ़ावा देने के लिए विशेष उपायों की बात करती है। इसमें नए पाठ्यक्रम, प्रणालियाँ और अभियान शामिल हैं। शिक्षकों का प्रशिक्षण और विकास: नीति में शिक्षकों के प्रशिक्षण और विकास को लेकर महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं, ताकि वे छात्रों को उच्च गुणवत्ता शिक्षा प्रदान कर सकें। अभिवृत्तियों की संवर्धन: नीति में सामाजिक और कला अभिवृत्तियों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं हैं, जिससे छात्रों का समाज में समर्थन और विकास हो सके। नई शैक्षिक मानकों का पुनरावलोकन: नीति में विभिन्न शैक्षिक मानकों की पुनरावलोकन की योजना है, जो छात्रों की समझ और विचारधारा को विकसित करने में मदद करेगी। इन सभी पहलुओं के माध्यम से, नई शिक्षा नीति 2023 भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक नया दिशा-निर्देश प्रदान करने का प्रयास कर रही है और छात्रों को व्यापक रूप से समृद्ध और व्यापक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। नई शिक्षा नीति 2023 में कुछ मुख्य बदलाव और प्रमुख पहलुओं का संशोधन किया गया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: शिक्षा का एकीकरण: नीति ने शिक्षा को एक समग्र दृष्टिकोण से देखने का प्रस्ताव किया है, जिसमें प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक और उच्च शिक्षा के संदर्भ में संशोधन किया गया है। पाठ्यक्रम और शिक्षण मार्गदर्शिकाएं: नई नीति में पाठ्यक्रम और शिक्षण मार्गदर्शिकाओं में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिससे छात्रों को आधुनिक और व्यापक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिले। शैक्षिक प्रौद्योगिकी का उपयोग: नीति ने शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की योजना बनाई है, जिससे शिक्षा में नवाचार और तकनीकी उन्नति हो सके। शिक्षकों की तैयारी और प्रशिक्षण: नई नीति में शिक्षकों के लिए उनकी तैयारी और प्रशिक्षण में सुधार के लिए विशेष प्रावधान हैं, जिससे वे छात्रों को उच्च गुणवत्ता और समझदारी से प्रशिक्षित कर सकें। विशिष्टता की स्थापना: नीति ने विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा में विशिष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए नए उपाय लिए हैं, जैसे कि कला, साहित्य, खेल, गाणितिकी, आदि। समाजिक और सांस्कृतिक अभियान: नीति में समाजिक और सांस्कृतिक अभियानों को बढ़ावा देने के लिए उपाय हैं, जिससे छात्रों का समाज में सक्रिय और सहभागी भागीदारी हो सके। ये बदलाव और सुधार नई शिक्षा नीति 2023 को एक नया दृष्टिकोण और उन्नति की दिशा में ले जा रहे हैं, जिससे भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सके।